दादाजी के अंतिम संस्कार में मेरी सौतेली बहन पर समझौतावादी स्थिति में मुझे ठोकर लगी.उसके विरोध को नजरअंदाज करते हुए मैं उसे वहीं पर ले गया.उसने मुझे बेसब्री से एक जंगली मुख-मैथुन दिया, जिससे पीछे से ताबड़तोड़ चुदाई और सवारी होने लगी.उसकी प्राकृतिक सुंदरता और बड़े स्तनों ने इसे एक यादगार मुठभेड़ बना दिया.